हर एक को हर पल कहीं कुछ काम है यहाँ
गर मिल सके फुर्सत तुम्हे तो ये भी सोचना
तेरे इकरार को हल पल कोई परेशान है यहाँ ||
कहते हो मैं ख़राब हूँ बस इतना सोच के
इक रात मेरे हाथ में तुम जाम देख के
कहना बड़ा मुश्किल है मगर यार सुन जरा
वो याद थी आंसू बनी तेरी राह देखते ||
आ देख मेरी आँखों में सपना तेरा ही है
आ देख मेरी बातों में अपना सा तू ही है
है आज भी ख़्वाबों में मेरे तेरा सुरूर वो
की जलता है अब भी ये चाँद तुझको देख कर||
गर मिल न मैं तुम्हे इस जन्म में यहाँ
बस इतना ही कहना मेरी मैय्यत को देख के
तू मर गया मर के मुझे बदनाम कर गया
सब सोचते ही रह गए टू वो काम कर गया
कुछ लोगों की पहचान यहाँ आशिकी से है
तू मर के आशिकी का ऊँचा नाम कर गया ||